कोबरा सांप (Cobra snake)
परिचय और स्वभाव => कोबरा साँप मुख्यत: दो काले और भूरे रंगों में पाये जाते है | कोबरा काफी ज्यादा जहरीला साँप होता है , भारत में अधिकतर लोग इस साँप के शिकार होते है, इसलिए इसको लेकर डर बेहद ज्यादा है | इस साँप की सामान्यत: लम्बाई 4 -5 फिट होती हैं | युवावस्था में यह साँप अधिक फुर्तीला एंव आक्रमक होता हैं | इस साँप को छेड़ने पर फुंहार के साथ शरीर के 1/3 भाग पर खड़ा होकर फन करता हैं और इस फन के पीछे सिक्के जैसे दो निशान होते हैं | ज्यादातर इस साँप को छेड़ने पर काटता है नहीं तो यह अपने रास्ते जाना पसंद करता हैं | भारत में यह साँप पूजनीय माना जाता हैं | इस साँप में सिनेप्टिक न्यूरोटॉक्सिन और कार्डिओटोक्सिन नामक घातक विष पाया जाता हैं | इसके काटने पर मस्तिष्क की सक्रियता समाप्त हो जाती हैं , रक्त का थक्का नहीं बनता और धड़कन रुकने से मृत्यु हो जाती हैं |
आवास और भोजन => आमतौर पर यह साँप खुले जंगल के किनारे, खेतों में और गाँव के आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है यह साँप अपने भोजन के लिए कभी-कभी मनुष्यों की बस्तियों तक आ जाते हैं यह साँप दोपहर बाद ही सक्रिय होते हैं | जो देर रात तक सक्रिय रहते हैं कोबरा साँप का भोजन मुख्यतः चूहे, छिपकली और मेंढक होते हैं और रात में उजाले वाली जगह पर कीट पतंगों को भी खाता है | जब सांप बुड्ढा हो जाता है तब इस सांप के सिर पर एक चमकदार कण होता है उसके सहारे से शिकार करता है रात में इस चमकदार कण के चमकनें की वजह से कीट पतंग आसपास आते हैं तब आसानी से शिकार कर लेता है और लोग इसको मणि कहते हैं जो कि एक कीमती पदार्थ होता है जो मात्र एक भ्रांति है इस सांप को मनुष्य द्वारा दूध पिलाना माना जाता है जो भी एक प्रकार की भ्रांति है क्योंकि सांपों में दूध पाचन करने का एंजाइम नहीं पाया जाता है सांप केवल प्राकृतिक आहार लेते हैं इसी प्रकार इस सांप और अन्य सांपो के बारे में काफी भ्रांतियां हैं जिस पर मैं एक आर्टिकल जल्द ही इस वेबसाइट पर अपलोड करुंगा
कोबरा का फोटोसरंक्षण => यह सांप दुनिया में विलुप्त की कगार पर है इस सांप को मणि वाली भ्रांति व अन्य रूपों में मारकर तस्करी की जाती है जिससे इनकी प्रजातियों में लगातार कमी आ रही है सरकार ने इस सांप के संरक्षण के लिए भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची प्रथम में जगह दी है इस सांप को आहत करने या मारने पर सजा का प्रावधान है जब कहीं भी मानव बस्ती में यह सांप दिखे तो तुरंत इसकी सूचना नजदीकी वन विभाग चौकी में देनी चाहिए और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाए |
कोबरा सांप का वीडियो
English translate =
Introduction and nature => Cobra snakes are found mainly in two black and brown colors. Cobra is a very poisonous snake, most of the people in India are victims of this snake, so fear is very high about it. The length of this snake is generally 4-5. This snake is more agile and aggressive during its youth. After piercing this snake, standing on 1/3 part of the body with a snout and makes it fun, and behind this fun there are two marks like coins. Mostly this snake bites when it is disturbed, otherwise it likes to go its way. In India, this snake is considered venerable. In this snake, deadly poisons called synaptic neurotoxin and cardiotoxin are found. Brain activity ceases by its bite, blood clot does not form and death stops due to beating.
Habitat and food => This snake is usually found on the banks of open forest, in the fields and in the vicinity of the village. These snakes sometimes come to human settlements for their food. These snakes are active only after noon. | Those who remain active till late night, cobra snake food mainly consists of rats, lizards and frogs and also feeds insect moths at night in the place of light. When the snake becomes old then there is a bright particle on the head of this snake, it hunts with the support of this bright particle due to the glow of the moth, when the moth comes around, then easily hunts and people call it a gem Which is a precious substance which is just an illusion, this snake is considered to be fed by humans, which is also a kind of misconception, because the enzyme for digesting milk is not found in snakes, snakes only take a natural diet. There are many misconceptions about this snake and other snakes, on which I will upload an article soon on this website.
Conservation => This snake is on the verge of extinction in the world. This snake is smuggled by killing it in gem-like fallacy and other forms, due to which there is a continuous reduction in their species. Government of India Wildlife Protection Act 1972 for the protection of this snake. The place is given in the schedule of the first. There is a provision for punishment for killing or killing this snake. Whenever this snake is seen in a human settlement, it should be reported immediately in the nearest forest department post and do not cause any harm.
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लेबल: Wild life
5 टिप्पणियाँ:
nice
🤟
Good information sir
Thanks
tx
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