पीवणा (करैत) सांप तथा रेड सैंड बोआ के बारे में लोगों की गलतफहमियां [People's misconceptions about the Peevanna(Kareat) snake and red sand boa
जैसा कि आपको सांपो के बारे में कुछ भ्रांतियों को मैंने आपको पिछले आर्टिकल में विस्तार से बताया था उसी कड़ी में दो अन्य प्रचलित भ्रांतियों से घिरे दो सांपो के बारे में अंधविश्वास को इस आर्टिकल में बताऊंगा |
(1) पीवणा (करैत) सांप :- जैसा कि नाम से ही पीवणा सांप है इसी शब्द को लोगों द्वारा हकीकत रूप दे दिया है यह भारत में पाए जाने वाले सबसे जहरीले सांपों में से एक हैं यह सांप औसतन 80 से 100 सेंटीमीटर लंबा होता है यह सांप मध्यरात्रि के बाद सक्रिय होता है इस सांप के बारे में लोगों की एक धारणा है कि यह मुंह में थूक के जाता है और मनुष्य की सांस को पी लेता है हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है बल्कि इस सांप को मनुष्य के शरीर की गंध अच्छी लगती है और यह रात को सोते मनुष्य के साथ आकर लेट जाता है लेकिन रात को सोते हुए मनुष्य के द्वारा अपने शरीर की करवट बदली जाती है तब यह सांप दबने से या अचानक शरीर की हलचल से डरकर काट लेता है और वहां से चला जाता है इस सांप के काटने का निशान इतना महीन होता है कि सूक्ष्म दर्शी से देखने पर ही देख पाते हैं काटने पर इसका असर सीधा गले पर पड़ता है जिससे गले में श्वसन नली के दोनों तरफ छाले हो जाते हैं और सुबह होते होते हैं यह जहर के छाले फूट जाते हैं और मनुष्य की मृत्यु हो जाती है इससे बचने का एक ही उपाय है कि रात को सोते समय खुशबूदार जैसे लहसून ,प्याज खा कर सो जाना चाहिए जिससे सांप को इसकी सुगंध आने से यह मनुष्य से दूर ही रहता है
(2) रेड सैंड बोआ :- इस सांप को दो मुहा कहा जाता है बस इसी नाम से लोगों ने इस सांप को दो मुंह वाला सांप बता दिया यह एक भ्रांति है जिसके बारे में आप को बताने से पहले इस सांप के बारे में जानकारी दे देता हूं यह सांप शरीर में काफी भारी होता है तथा चलने में बहुत ही धीमा चलता है यह सांप अक्सर रात को ही निकलता है यह सांप अपना आवास खुद नहीं बनाता है चूहों के बिल में घुस कर अपना आवास बना लेता है इस सांप का भोजन चूहे छोटे कीड़े मकोड़े आदि है यह सांप विषहीन होता है लेकिन इस सांप के शरीर की जकड़न बहुत खतरनाक होती है
[रेड सैंड बोआ] |
=> इसलिए दोस्तों इस पोस्ट को शेयर करें ताकि लोगों में फैली इन गलत भ्रांतियों को दूर किया जा सके और निर्दोष मारे जाने वाले जीवो की रक्षा की जाए....... धन्यवाद
English Translate :-
As I told you some misconceptions about snakes in the last article, I will tell you in this article the superstition about two snakes surrounded by two other popular misconceptions.
(1) Peevana (Karait) Snake :- As the name itself is the Peevana snake, this word has been given a reality by the people. It is one of the most poisonous snakes found in India. This snake is on average 80 to 100 cm long. This snake is active after midnight. People have a belief about snake that it spits in the mouth and drinks human breath. In reality there is nothing like this but this snake likes the smell of human body and it sleeps at night He comes and lies down, but while sleeping at night, the body changes its body, then the snake bites from fear of pressing or sudden movement of the body and goes from there, the bite mark of this snake would be so fine It is said that when you are able to see through microscopic view, it affects the throat directly, due to which the blisters on both sides of the respiratory pipe in the throat and in the morning, poisonous blisters erupt and man dies. The only way to avoid this is that at night, one should sleep by eating fragrant like garlic, onion so that the snake gets its aroma. Lives far away from humans.
(2) Red sand boa :- This snake is called two mouths, people by the same name have called this snake a two-faced snake. This is a misconception about which before giving you information about this snake, this snake is very heavy in the body. It happens and is very slow to walk. This snake often comes out at night. This snake does not make its own habitat, penetrates into the bill of mice and makes its habitat. The food of this snake is small insects, moth etc. This snake is poisonless. But the tightness of the body of this snake is very dangerous. Two-faced snake - This snake is called by people as a two-faced snake because both its head and the tail part are the same, which is seen on both sides. The mouth is another misconception about this snake, that eating this snake brings strength in the body, people are killed or caught alive and smuggled by this misconception It is absolutely wrong that the Wildlife Protection Act 1972 has a punishment for killing or harming this snake.
👉👉👉 So friends, share this post so that these misconceptions spread among the people can be removed and the lives of innocent people are protected .......
Thank you
लेबल: Wild life
2 टिप्पणियाँ:
Thank you sir🙏🏻 about this information
tx
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