मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

सांपों के बारे में गलत धारणा (Misconceptions about snakes)

(1) मणिधारी सांप :- सांपो के बारे में एक यह मान्यता रही है कि इनके सिर पर एक चमकदार मूल्यवान मणि होती है जीव विज्ञान में इस बात को नकारा गया है यह एक अंधविश्वास है ऐसा कुछ नहीं है इस मणि नामक भ्रांति के कारण न जाने कितने सांप मौत के घाट उतारे गए हैं हां एक बात मानी गई है कि सांप  के सिर पर एक पदार्थ होता है जो रात को चमकदार दिखाई देता है जिससे कीट पतंग उस सांप के आसपास इकट्ठे हो जाते हैं जिससे सांप अपना शिकार (भोजन के रुप में) करता है लेकिन लोग उन्हें मूल्यवान मणि समझकर सांपों की तस्करी करते हैं | 


(2) क्या सांप दूध पीता हैं :- हिंदू धर्म में यह मान्यता रही है कि लोगों द्वारा सांप को दूध पिलाया जाता है यह बात काफी प्रचलित है | क्या सांप दूध पीता है? तो यह बात बिल्कुल निराधार है क्योंकि सांप एक मांसाहारी जीव है और इसके शरीर में दूध को पचाने जैसा कोई एन्जाइम नहीं पाया जाता है सांप केवल प्राकृतिक रूप से आहार लेता है लोगों में यह धारणा रही है कि सांप को दूध पिलाने से पुण्य मिलता है कुछ जगहों पर सांप के दांत निकाल दिए जाते हैं व बंदी बनाकर रखा जाता है और जोर जबरदस्ती दूध पिलाया जाता है इस मामले में कुछ सांपों की मृत्यु भी हो जाती है | 


(3) बीन की धुन पर सांप का नाचना :- खेल तमाशा दिखाने वाले कुछ लोग सांप को अपनी बीन की धुन पर नचाने का दावा करते हैं जो कि एक अंधविश्वास हैं क्योंकि सांप के तो कान भी नहीं होते हैं लेकिन आपने भी देखा होगा सांप तो बीन की धुन पर नाचते हैं तो इसके बारे में-->दरअसल सांप में देखने और महसूस करने की शक्ति ज्यादा होती हैं सांप हवा में होने वाली आवाज को भांप नहीं पाता हैं लेकिन हिलने डुलने की प्रतिक्रिया को अच्छी तरह देखता हैं और सांपों में एक खास बात यह हैं कि धरती की सतह पर होने वाली कंपनी को अपने निचले जबड़े में मौजूद एक महत्वपूर्ण हड्डी के जरिए महसूस करता हैं सपेरे या तमाशे दिखाने वाले लोगों द्वारा जब बीन को इधर-उधर हिलाते हुए हवा में लहराते तब सांप भी उसके अनुसार अपने शरीर की प्रतिक्रिया करता है लोग समझते हैं सांप नाच रहा हैं लेकिन यह एक भ्रांति हैं | 


(4) इच्छाधारी सांप :- लोगों में यह धारणा रही हैं कि सांप अपनी इच्छानुसार अपना रूप बदलता हैं जैसे कभी सांप तो कभी मनुष्य का रूप ले लेता हैं जीव विज्ञान के अनुसार ऐसा कुछ नहीं हैं यह एक अंधविश्वास और कोरी कल्पना हैं और कुछ नहीं हैं | 


(5) क्या सांप अपने साथी का बदला लेते हैं :- आपने ऐसी एक धारणा जरूर सुनी होगी कि सांप को मारने पर उस सांप का साथी उस मनुष्य को काटकर बदला लेता है जिस मनुष्य ने उस सांप के साथी को मारा हो जो कि एक निराधार धारणा है हकीकत में ऐसा होता है कि सांप जब मरता है या मारा जाता है तब अपने गुदाद्वार से विशेष प्रकार की गंध छोड़ जाता है उस गंध को सूंघते- सूंघते कोई सांप उस मरे हुए सांप के पास आता है और लोग यह समझ लेते हैं कि यह सांप का बदला लेने आया है जो कि केवल एक अंधविश्वास है | 

                             "इसी प्रकार मनुष्य की सांपो के बारे में कुछ और भ्रांतियां (सांस पीने वाला सांप {पीवणा} और दो मुंह वाला सांप {सेंड बोआ}) हैं इन दोनों सांपो के बारे में भी कुछ भ्रांतियां हैं जिसके बारे में विस्तृत जानकारी अगले आर्टिकल में बताऊंगा,,,,,,,,,      

                                                                                     धन्यवाद  
                                                                                             आपको सांपो के बारे में बताई जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि निर्दोष मारे जाने वाले सांपों को बचाया जा सके... 


English translate :-
                                 (1) Manicured snakes: - There has been a belief about snakes that they have a shining precious gem on their head, it has been denied in biology, it is a superstition, there is nothing like this gem because of the misconception. Know how many snakes have been killed. Yes, one thing has been assumed that there is a substance on the head of the snake which appears bright at night, due to which the insect kites gather around the snake from which the snake takes its prey. I), but people consider them to be precious gem and snake snakes.


(2) Do snakes drink milk:- In Hinduism, there has been a belief that snakes are fed by people. Does snake drink milk? So this is absolutely baseless because the snake is a carnivorous organism and no enzymes like digesting milk are found in its body. The snake only feeds naturally. There has been a belief among people that weaning the snake gives some merit. Snake teeth are removed and kept in captivity at places and milk is forcefully fed, in which case some snakes also die.


(3) Dancing the snake to the tune of a bean:- Some people who show a spectacle, claim to dance the snake to the tune of their bean, which is a superstition because the snake does not even have ears but you must have seen the snake. If you dance to the tune, then about it -> In fact, snakes have more power to see and feel, snakes are not able to sense the sound that is in the air, but see the reaction of moving and well and a special thing in snakes. It is that the company on the surface of the earth feels through an important bone present in its lower jaw, snake waving the bean in the air by the snake charmers or the people showing the snake, then according to their body People react that the snake is dancing, but this is an illusion.


(4) Desired Snake:- There has been a belief among people that snakes change their form according to their will, like snakes sometimes take the form of human beings, according to biology, there is nothing like this, it is a superstition and a fantasy and nothing else.


(5) Do snakes avenge their partner:- You must have heard such a belief that on killing a snake, that snake's partner takes revenge by biting the person who killed that snake's partner which is a baseless belief It happens that when a snake dies or is killed, then a special kind of smell is released from its anus. Smelling that smell, a snake comes to that dead snake and people understand that this snake Revenge has come which is just a superstition.


                          "Similarly, there are some more misconceptions about man's snakes (breath-drinking snake {pivana} and two-faced snake {sand boa}). There are also some misconceptions about these two snakes about which we will explain in detail in the next article. ,,,,,

                                                       Thank you  
                                Tell you about snakes
                           If your information is good                              then your friends Also share with                      us so that innocent snakes can be killed...

     
          👉👉👉 wait for next article,,,,,,,,, 

                                                                                                                     

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रविवार, 27 दिसंबर 2020

कोबरा सांप (Cobra snake)

                        परिचय और स्वभाव => कोबरा साँप मुख्यत: दो काले और भूरे रंगों में पाये जाते है | कोबरा काफी ज्यादा जहरीला साँप होता है , भारत में अधिकतर लोग इस साँप के शिकार होते है, इसलिए इसको लेकर डर बेहद ज्यादा है | इस साँप की सामान्यत: लम्बाई 4 -5 फिट होती हैं | युवावस्था में यह साँप अधिक फुर्तीला एंव आक्रमक होता हैं | इस साँप को छेड़ने पर फुंहार के साथ शरीर के 1/3 भाग पर खड़ा होकर फन करता हैं और इस फन के पीछे सिक्के जैसे दो निशान होते हैं | ज्यादातर इस साँप को छेड़ने पर काटता है नहीं तो यह अपने रास्ते जाना पसंद करता हैं | भारत में यह साँप पूजनीय माना जाता हैं | इस साँप में सिनेप्टिक न्यूरोटॉक्सिन और कार्डिओटोक्सिन नामक घातक विष पाया जाता हैं | इसके  काटने पर मस्तिष्क की सक्रियता समाप्त हो जाती हैं , रक्त का थक्का नहीं बनता और धड़कन रुकने से मृत्यु हो जाती हैं | 

                     
                                  फोटो = कोबरा सांप 

                    आवास और भोजन => आमतौर पर यह साँप खुले जंगल के किनारे, खेतों में और गाँव के आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है यह साँप अपने भोजन के लिए कभी-कभी मनुष्यों की बस्तियों तक आ जाते हैं यह साँप दोपहर बाद ही सक्रिय होते हैं | जो देर रात तक सक्रिय रहते हैं कोबरा साँप का भोजन मुख्यतः चूहे, छिपकली और मेंढक होते हैं और रात में उजाले वाली जगह पर कीट पतंगों को भी खाता है | जब सांप बुड्ढा हो जाता है तब इस सांप के सिर पर एक चमकदार कण होता है उसके सहारे से शिकार करता है रात में इस चमकदार कण के चमकनें की वजह से कीट पतंग आसपास आते हैं तब आसानी से शिकार कर लेता है और लोग इसको मणि कहते हैं जो कि एक कीमती पदार्थ होता है जो मात्र एक भ्रांति है इस सांप को मनुष्य द्वारा दूध पिलाना माना जाता है जो भी एक प्रकार की भ्रांति है क्योंकि सांपों में दूध पाचन करने का एंजाइम नहीं पाया जाता है सांप केवल प्राकृतिक आहार लेते हैं इसी प्रकार इस सांप और अन्य सांपो के बारे में काफी भ्रांतियां हैं जिस पर मैं एक आर्टिकल जल्द ही इस वेबसाइट पर अपलोड करुंगा 

                     

                               कोबरा का फोटो  

                     सरंक्षण =>  यह सांप दुनिया में विलुप्त की कगार पर है इस सांप को मणि वाली भ्रांति व अन्य रूपों में मारकर तस्करी की जाती है जिससे इनकी प्रजातियों में लगातार कमी आ रही है सरकार ने इस सांप के संरक्षण के लिए भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची प्रथम में जगह दी है इस सांप को आहत करने या मारने पर सजा का प्रावधान है जब कहीं भी मानव बस्ती में यह सांप दिखे तो तुरंत इसकी सूचना नजदीकी वन विभाग चौकी में देनी चाहिए और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाए | 

                

                           कोबरा सांप का वीडियो 


  English translate =  

                                   Introduction and nature => Cobra snakes are found mainly in two black and brown colors. Cobra is a very poisonous snake, most of the people in India are victims of this snake, so fear is very high about it. The length of this snake is generally 4-5. This snake is more agile and aggressive during its youth. After piercing this snake, standing on 1/3 part of the body with a snout and makes it fun, and behind this fun there are two marks like coins. Mostly this snake bites when it is disturbed, otherwise it likes to go its way. In India, this snake is considered venerable. In this snake, deadly poisons called synaptic neurotoxin and cardiotoxin are found. Brain activity ceases by its bite, blood clot does not form and death stops due to beating.


                                  Habitat and food => This snake is usually found on the banks of open forest, in the fields and in the vicinity of the village. These snakes sometimes come to human settlements for their food. These snakes are active only after noon. | Those who remain active till late night, cobra snake food mainly consists of rats, lizards and frogs and also feeds insect moths at night in the place of light. When the snake becomes old then there is a bright particle on the head of this snake, it hunts with the support of this bright particle due to the glow of the moth, when the moth comes around, then easily hunts and people call it a gem Which is a precious substance which is just an illusion, this snake is considered to be fed by humans, which is also a kind of misconception, because the enzyme for digesting milk is not found in snakes, snakes only take a natural diet. There are many misconceptions about this snake and other snakes, on which I will upload an article soon on this website.                            

                                 Conservation => This snake is on the verge of extinction in the world. This snake is smuggled by killing it in gem-like fallacy and other forms, due to which there is a continuous reduction in their species. Government of India Wildlife Protection Act 1972 for the protection of this snake. The place is given in the schedule of the first. There is a provision for punishment for killing or killing this snake. Whenever this snake is seen in a human settlement, it should be reported immediately in the nearest forest department post and do not cause any harm.

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सोमवार, 21 दिसंबर 2020

कुमट (अकेशिया सेनेगल ) KUMAT(ACACIA SENEGAL)

परिचय:-  यह राजस्थान के पश्चिम क्षेत्र के मरुस्थल में पाया जाने वाला अकेशिया प्रजाति का पौधा इसका वानस्पतिक नाम अकेशिया सेनेगल  है यह राजस्थान के मरुस्थल क्षेत्र में उपयोगी पेड़ है जिनसे लोगों को कई प्रकार से आर्थिक लाभ होता है | यह एक मध्यम प्रकार का पेड़ है जिनकी ऊंचाई 5 -6 मीटर होती है | इस पेड़ की घनी शाखाएँ और छोटी-छोटी सघन पत्तियाँ होती है ,यह पेड़ कांटेदार होता है, इस लिए रेगिस्तान में आसानी से पनपता है | इस पेड़ की लकड़ी,पत्ते,बीज और इसके तने से निकलने वाला गाढ़ा पदार्थ (गोंद) आदि इस पेड़ के उपयोगी पदार्थ है |                                                                                                                                            

                                                                                                                                                                        
कुमट का पेड़ 
             

                            


फल व बीज:- जब सर्दी का मौसम शुरू होता है तब इस पेड़ पर सफेद रंग के फूल लगने शुरू होते है जिनको  मींझर कहते है जब इन्ही मींझरो से हरी फली बनती है, यही फलिया जनवरी-फरवरी में पक जाती है|इन्ही फलियों को झाड़कर अंदर से बीजो को निकाला जाता है , इनके बीज चिकने गोल होते है बीजो को हलारिया कहा जाता है |                                                                                                                                     


                                                                                                                                                            
                                                    कुमट  के पेड़ पर लगी हुई फलिया 


बीजों का उपयोग:- जब इस पेड़ के बीज हरी फलियों में होते है तब इन फलियों को पशुओं के चारे के रूप में       उपयोग किया जाता है | जब फलियां सुख जाती है , तब इन फलियों को झाड़कर इनके बीज निकाल दिए जाते है| फिर इनके बीजों को उबालकर सब्ज़ी बनाई जाती है |इनके बीजो से एक अन्य रूप में भी सब्जी बनाई जाती है जैसा की बीजों को उबालकर सूखा दिया जाता है फिर गर्मियों में इन उबले सूखे बीजों को पुन: उबालकर सब्ज़ी बनाई जाती है, जो काफी स्वादिष्ट होती है | इनके उबले बीजों को राजस्थानी सब्ज़ी कढ़ी में भी डाला जाता है | कहा  जाता है कि कुमट के बीजों की सब्जी खाने से घुटनों के दर्द में राहत मिलती है | एक जानकारी के अनुसार इनके बीजों में प्रोटीन की मात्रा चने के मुकाबले दुगुनी मात्रा में पायी जाती है | कुमट  के बीजों में जिंक और फॉस्फोरस की मात्रा भी काफी पाई जाती है जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक है |                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  उबले हुए कुमट  के बीज (हलारिया ) 

लकड़ी:- कुमट  के पेड़ की लकड़ी को कृषि औजार बनाने के उपयोग में ली जाती है | इसके अलावा इस पेड़ की    लकड़ी को जलाने में उपयोग लिया जाता है  

     

 
                                                                           लकड़ी 

   

गोंद:- इस पेड़ से एक उपयोगी पदार्थ का उत्पादन होता है जिसका नाम गोंद है | यह इस पेड़ के तने से निकलने  वाला एक गाढ़ा पदार्थ होता है , जिसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है | इसके अलावा इसका उपयोग महिलाओं के द्वारा लड्डु बनाने में किया जाता है | गोंद के लड्डु खाने से गर्भवती महिलाओं के दूध में बढ़ोतरी होती है, रीढ़ की हड्ड़ी भी मजबुत होती है | किसी के शरीर में टूटी हड्ड़ी के रिकवर होने में गोंद के लड्डु लाभदायक होते है | कुमट  के पेड़ के तने पर एक मध्यम दूरी पर कुल्हाड़ी से खरोंच देने पर उस जगह गोंद का उत्पादन तेजी से होता है , इस गोंद का गाढ़ा घोल बनाकर बेचा जाता है जिसका उपयोग कागज चिपकाने में भी किया जाता है | 

        

                                                                     कुमट  का गोंद   
       
        


English Translation :-    Introduction : - This is the plant of Acacia species found in the desert area of ​ the western region of Rajasthan, its botanical name is Acacia Senegal. It is a useful tree in the desert region of Rajasthan, which benefits people in many ways. It is a medium type tree whose height is 5 -6 m.This tree has thick branches and small dense leaves, this tree is thorny, so it grows easily in the desert. The wood, leaves, seeds and thick substance (gum) coming out of its stem are useful substances of this tree.

 Fruits and seeds: -When the winter season starts, then white flowers start to appear on this tree, which is called Meenjhar. When green pods are formed from these meenjhar, the same fruit ripens in January-February. The seeds are removed from inside these pods, their seeds are smooth round, their seeds are called halariaya 


                                                              View of Kumut trees


 Use of seeds : - When the seeds of this tree are in green beans, then these beans are used animal  feed. When the beans are dried, then the seeds are removed from the pods. Then their seeds are boiled and made into vegetables. Another vegetable is also made from their seeds, as the seeds are boiled and dried. It happens. Their boiled seeds are also put in Rajasthani vegetable curry. It is said that eating vegetable of kumut seeds relieves knee pain. According to one information, the amount of protein in their seeds is twice as much as gram. There is also a lot of zinc and phosphorus in the seeds of kumut,  which is very beneficial for our body.

 

Wood : - The wood of kumut tree is used for making agricultural implements. Also the wood of this        tree is used to burn



Gum : - This tree produces a useful substance called gum. It is a thick substance originating from the trunk of this tree, which is used in Ayurvedic medicines. Apart from this, it is used by women to make laddus. Eating gum laddus increases the milk of pregnant women, it also strengthens the spinal cord. Gum ladders are beneficial in recovery of broken bone in one's body. Gum is produced rapidly when scratched with an ax at a trunk of a kumut tree, this glue is sold by making a thick solution which is also used in pasting paper.


                                  Youtube:-  https://www.youtube.com/c/AajadParinda

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